बहुत सारे लोगों को दूध पसंद नहीं होता, और कुछ को पचता नहीं है, लेकिन दही तो निर्विवाद रूप से सभी के लिये फायदेकारक है. . दही कैल्शियम व प्रोटीन से भरा है. आपके पेट को लैक्टिक एसिड पचाने की मेहनत भी नहीं करनी पड़ती. दूध में एक खास तरह के बैक्टिरिया अम्लीयता पैदा करके उसका स्वरूप बदल देते हैं. ये बैक्टिरिया दूध को पचा कर दहीं बना देते हैं, जिसे आपके लिये पचाना आसान है. साथ ही इनके कारण आपका शरीर भोजन से विटामिन बी, और खनिज तत्वों आसानी से ग्रहण कर पाता है.
दही आपको बाजार में भी मिल जाता है, और आप घर में भी बना सकते हैं.
सबसे अच्छा दही भैंस के दूध का बनता है. यदि आप डेयरी का दूध उपयोग कर रहए हैं तो इसके लिये फुल क्रीम दूध का उपयोग करें. सर्दियों में ठंड होने के कारण दही अच्छा नहीं जम पाता लेकिन आप इसे सामान्य बरतन की जगह इन्सुलेटेड कैसरोल का उपयोग करें तो दही जल्दी भी जमेगा और मलाईदार भी.
आवश्यक सामग्री - Ingredients for Curd
- दूध - 500 ग्राम
- जामन (दही) - 1- 2 छोटी चम्मच
विधि - How to make Dahi
दही को जब हम नीबू या खटाई से बनाते हैं, उस दही का स्वाद ज्यादा अच्छा नहीं होता, और वह दम्बल कहलाता है, लेकिन इस दम्बल द्वारा जो दूध जमाया जायेगा वह अच्छा दही होगा. वैसे आपको यह दम्बल बनाने की आवश्यकता नहीं हैं, आप डेयरी से दही ला सकते है, और उससे दही जमा सकते हैं.
दूध को उबाल आने तक गरम कीजिये. यदि दूध अच्छी तरह (200º F) तक उबला नहीं होगा तो इसका दही गाड़ा और मलाईदार नहीं जमेगा. सर्दियों के दिनों में गरम दूध को कैसरोल में डालिये.(गर्मियों में आप किसी भी बर्तन में दूध डाल कर दही जमा सकते हैं). जब दूध इतना गरम रह जाय कि आपकी उंगली उस तापमान को सहन कर सके, तब दही को दूध में डालकर कैसरोल को ढक्कन से बन्द कर दीजिये.
6 घंटे से पहले उस कैसरोल को मत खोलिये. 6 घंटे बाद आप कैसरोल का ढक्खन खोलकर देखेगे, आपको एक दम अच्छा दही जमा हुआ मिलेगा. अब आप इस दही को खाने के साथ प्रयोग कीजिये. बचे हुये दही को फ्रिज में रख दीजिये वह जल्दी खट्टा नहीं होगा, 2-3 दिन तक आप इस दही को खा सकते हैं. यदि दही खट्टा हो जाय तो दही को कढ़ी, आलू का रसा या अरबी का रसा इत्यादि बनाने में प्रयोग कीजिये.
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